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कभी न करे ये काम होना पड़ सकता है पाप का भागी

Jul 17 2019

Posted By:  Sunny

मनुष्य जीवन में पाप पुण्य का चक्र निरंतर चलता रहता है, ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो जान बूझकर पाप का भागी बनना चाहता हो परन्तु फिर कई कार्य ऐसे होते है जिनके कारण हम पाप के भागी बन जाते है, अक्सर देखा जाता है की कई बार लोग पाप से बचने के लिए गरीबो में दान करते है मंदिर, मस्जिद बनवाते है, ईसाई धर्म में मान्यता के अनुसार ऐसे 7 पापों की सूची बनाई गयी है, इन पापो को महापाप का दर्जा दिया गया है मनुष्य को कभी भी ऐसे पाप भूलकर नहीं करने चाहिए, इन पापो को सेवन डेडली सीन्स कहा गया है, इन पापो को कैपिटल वाइसेस और कार्डिनल सीन्स के नाम से भी जाना जाता है |



लस्ट 
लस्ट का आशय लालसा से है लेकिन इसका अर्थ कामुकता और कामवासना से लिया जाता है, ईसाई धर्म में इसे बड़ा ही खतरनाक पाप माना है, मनुष्य को कभी भी गैर महिला से संबंध नहीं बनाने चाहिए और ऐसी स्थिति से बचने का प्रयास करना चाहिए, कामवासना को समाज में फैलती बुराई के रूप में भी देखा जाता है |

ग्लूटनी 
ग्लूटनी का अर्थ अधिक खाने की इच्छा से लिया जाता है साथ ही ये शब्द लालसा से भी संबंध रखता है अत्यधिक खाने, पीने, धन की लालसा ग्लूटनी के अंतर्गत आती है साथ ही ग्लूटनी शब्द मोटापे को भी इंगित करता है, इस पाप से बचने के लिए मनुष्य को अपने आप पर संयम रखना चाहिए |


ग्रीड 
ग्रीड शब्द से आप सभी वाकिफ है ग्रीड का अर्थ लालच से है, किसी भी चीज का अत्यधिक लोभ हमेशा से ही हानिकारक रहा है किस्से कहानियो में भी लालच करने वाले का अंत दुर्भाग्यपूर्ण ही रहा है, लालची व्यक्ति कभी संतुष्ट नहीं होता है उसे कितनी भी धन दौलत मिल जाये फिर भी उसकी और पाने की लालसा कभी खत्म नहीं होती है |

स्लोथ 
स्लोथ का अर्थ आलस्य, सुस्ती से है साथ ही ईसाई धर्म में इसका अर्थ विकृत मानसिकता रखने, भगवान द्वारा दी गयी चीजों को नकारने, बुराई फ़ैलाने,अच्छाई को दबाने और योग्य होने पर भी किसी की मदद न करने से लिया जाता है इसलिए हमे भगवान ने जो दिया है उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए और बुराई से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए |

रैथ 
रैथ का आशय आक्रोश या तीव्र क्रोध से है, इसमें दूसरे को नुकसान पहुंचने की प्रबल भावना होती है, रैथ को 7 महापापो में इसलिए रखा गया है क्योंकि इसमें बदला लेने और हानि पहुंचाने की भावना होती है, ऐसे में व्यक्ति बिना सोचे समझे  कार्य कर तो देता है पर उसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ता है |

एनवी
एनवी का अर्थ ईर्ष्या, जलन की भावना से है,इसे महापाप इसलिए कहा गया है क्योंकि इसमें व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की श्रेष्ठता को देखकर जलन महसूस करता है और स्वयं की क्षमता के  महत्व को खत्म कर देता है|
 
प्राइड 
अभिमान को हर धर्म में सबसे बुरी चीज बताया गया है, घमंड को ही सभी पापों के उत्पन्न होने का कारण माना गया है, 
घमंड के कारण ही रावण की दुर्दशा प्रारम्भ हुई थी, इसलिए जीवन में कितनी भी सफलता हासिल कर ली जाये पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए |
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